सोमवार, 16 दिसंबर 2024

ऐसी लागी लगन मीरा हो गयी मगन|| Aisi laagi lagan

 



है आँख वो जो श्याम का दर्शन किया करे

है शीश जो प्रभु चरण में वंदन किया करेबेकार वो मुख है जो रहे व्यर्थ बातों मेंमुख वो है जो हरी नाम का सुमिरन किया करेहीरे मोती से नहीं शोभा है हाथ कीहै हाथ जो भगवान् का पूजन किया करेमर कर भी अमर नाम है उस जीव का जग मेंप्रभु प्रेम में बलिदान जो जीवन किया करे
ऐसी लागी लगन मीरा हो गयी मगनवो तो गली गली हरी गुण गाने लगीऐसी लागी लगन मीरा हो गयी मगनवो तो गली गली हरी गुण गाने लगीमहलों में पली बन के जोगन चलीमीरा रानी दीवानी कहाने लगीऐसी लागी लगन मीरा हो गयी मगन
कोई रोके नहीं कोई टोके नहींमीरा गोविन्द गोपाल गाने लगीकोई रोके नहीं कोई टोके नहींमीरा गोविन्द गोपाल गाने लगीबैठी संतो के संग रंगी मोहन के रंगमीरा प्रेमी प्रीतम को मनाने लगीवो तो गली गली हरी गुण गाने लगीऐसी लागी लगन मीरा हो गयी मगनवो तो गली गली हरी गुण गाने लगीमहलों में पली बन के जोगन चलीमीरा रानी दीवानी कहाने लगीऐसी लागी लगन मीरा हो गयी मगन
राणा ने विष दिया मानो अमृत पियामीरा सागर में सरिता समाने लगीराणा ने विष दिया मानो अमृत पियामीरा सागर में सरिता समाने लगीदुःख लाखों सहे मुख से गोविन्द कहेमीरा गोविन्द गोपाल गाने लगीवो तो गली गली हरी गुण गाने लगीऐसी लागी लगन मीरा हो गयी मगनवो तो गली गली हरी गुण गाने लगीमहलों में पली बन के जोगन चलीमीरा रानी दीवानी कहाने लगीऐसी लागी लगन मीरा हो गयी मगनऐसी लागी लगन मीरा हो गयी मगनऐसी लागी लगन मीरा हो गयी मगन
समीक्षा 
यह भजन मीरा बाई की भक्ति और प्रेम की कहानी को व्यक्त करता है, जो कि भगवान कृष्ण के प्रति उनकी गहरी भक्ति और समर्पण को दर्शाता है।
इस भजन में मीरा बाई की जीवन कहानी को संक्षेप में बताया गया है, जिसमें उनके महलों में पलने, जोगन बनकर चलने, और भगवान कृष्ण के प्रति उनकी गहरी भक्ति और समर्पण को दर्शाया गया है।
भजन में आगे कहा गया है कि मीरा बाई ने अपने जीवन में कई दुखों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी भी भगवान कृष्ण का नाम नहीं छोड़ा। उन्होंने अपने जीवन को भगवान कृष्ण के चरणों में समर्पित कर दिया और उनकी भक्ति में मगन हो गईं।

इस भजन के मुख्य भावार्थ हैं:

1. मीरा बाई की भक्ति: इसमें मीरा बाई की भगवान कृष्ण के प्रति गहरी भक्ति और समर्पण को दर्शाया गया है।
2. प्रेम और समर्पण: इसमें मीरा बाई के जीवन में प्रेम और समर्पण की भावना को व्यक्त किया गया है।
3. दुखों का सामना: इसमें मीरा बाई के जीवन में दुखों का सामना करने की कहानी को बताया गया है।
4. भगवान कृष्ण की महिमा: इसमें भगवान कृष्ण की महिमा और उनके चरणों में समर्पण की भावना को व्यक्त किया गया है।

इस प्रकार, यह भजन मीरा बाई की भक्ति और प्रेम की कहानी को व्यक्त करता है, जो कि भगवान कृष्ण के प्रति उनकी गहरी भक्ति और समर्पण को दर्शाता है

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