शनिवार, 14 दिसंबर 2024

तोरा मन दर्पण कहलाये-bhajan



तोरा मन दर्पण कहलाए,
भले, बुरे, सारे कर्मों को,
देखे और दिखाए ॥
मन ही देवता,
मन ही ईश्वर,
मन से बड़ा ना कोई,
मन उजियारा,
जब जब फैले,
जग उजियारा होए,
इस उजले दर्पन पर प्राणी,
धूल ना ज़मने पाए ॥

​तोरा मन दर्पण कहलाये,
भले, बुरे, सारे कर्मों को,
देखे और दिखाए ॥

सुख की कलियाँ,
दुःख के काँटे,
मन सब का आधार,
मन से कोई बात छूपे ना,
मन के नैन हजार,
जग से चाहे भाग ले कोई,
मन से भाग ना पाए ॥

​तोरा मन दर्पण कहलाये,
भले, बुरे, सारे कर्मों को,
देखे और दिखाए ॥

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