महाकाल के द्वार
महाशिवरात्रि का त्यौहार है
महाकाल के द्वार
लगा है भक्तो का जंघाट आज है
महाकाल के द्वार बाबा भोलेनाथ के दरबार
हो रही बम बम की जैकार है
महाशिवरात्रि का त्यौहार है
महाकाल के द्वार
लगा है भक्तो का जंघाट आज है
महाकाल के द्वार बाबा भोलेनाथ के दरबार
दूल्हा बनकर साजे है
सर पर पगड़ी साफा बांधें है
देखो अंग भभूति रमाये है
काल नाग गले लीपटाए है
सर पर चमचम चनदा भए है
रूद्र रूप बनाये है
महाकाल सरकार
महाकाल सरकार कालो के काल महाकाल
मेरे महाकाल सरकार
देखो कैसी लीला रचाये है
महाकाल संसार
महाशिवरात्रि का त्यौहार है
महाकाल के द्वार
लगा है भक्तो का जंघाट आज है
महाकाल के द्वार बाबा भोलेनाथ के दरबार
गूंजे शंख ध्वनि गरियाल बाजे
नारद लेकर विणा हाथ नाचे
बाजे डमरू और करताल बाजे
नंदी गण और भूत पिसाच नाचे
बाजे ढोल नगाड़े थाल बाजे
और ग्रह नाचे देदे ताल नाचे
बाजे झांझ मचिरे नाचे
महाकाल के दरबार
महाकाल के दरबार
तीनो लोक करे जय कार है
महाकाल तेरे द्वार
महाशिवरात्रि का त्यौहार है
महाकाल के द्वार
लगा है भक्तो का जंघाट आज है
महाकाल के द्वार बाबा भोलेनाथ के दरबार
महाकाल की नगरी उज्जैनी।
जहाँ साधु संत है दुनि रमाये अज़ाब निराले ठाठ
अलबेले संतो ने कैसा कैसा स्वाम
सर के बल पैर खड़ा है कोई
कोई लगा रहा है ध्यान
इस नहाने अच् मैं करे है कोई
घोट रहा है भाग
भोले की भक्ति में रमा हुआ है हर कोई इंसान
महाकाल के दीवानो की न पूछो
एक एक से कमाल
खुद गोष करे कोई बम बम बोले
जय जय श्री महाकाल
जय जय श्री महाकाल
शम्बू भोलेनाथ
कालो के काल महाकाल मेरे महाकाल सरकार
हो रही बम बम की जय कर महाकाल के द्वार
महाकाल संसार
महाशिवरात्रि का त्यौहार है
महाकाल के द्वार
भावार्थ -
यह भजन महाशिवरात्रि के त्यौहार और भगवान शिव की महिमा को व्यक्त करता है। इसमें भगवान शिव को महाकाल कहा गया है, जो कि उनके शक्तिशाली और सर्वोच्च रूप को दर्शाता है।
भजन में आगे कहा गया है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के दरबार में भक्तों का जंघाट लगता है, और भगवान शिव की पूजा और आराधना की जाती है। इसमें भगवान शिव के विभिन्न रूपों और उनकी शक्तियों का वर्णन किया गया है।
इस भजन के मुख्य भावार्थ हैं:
1. महाशिवरात्रि का त्यौहार: इसमें महाशिवरात्रि के त्यौहार की महिमा को व्यक्त किया गया है।
2. भगवान शिव की महिमा: इसमें भगवान शिव की महिमा और उनके शक्तिशाली रूप को दर्शाया गया है।
3. भक्ति और समर्पण: इसमें भगवान शिव के प्रति भक्ति और समर्पण की भावना को व्यक्त किया गया है।
4. आध्यात्मिक शांति: इसमें कहा गया है कि भगवान शिव की पूजा और आराधना से आध्यात्मिक शांति और सुकून प्राप्त होता है।
इस प्रकार, यह भजन महाशिवरात्रि के त्यौहार और भगवान शिव की महिमा को व्यक्त करता है, और भगवान शिव के प्रति भक्ति और समर्पण की भावना को दर्शाता है
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