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सोमवार, 16 दिसंबर 2024

महाकाल के द्वार || Mahakal ke dwar




महाकाल के द्वार





महाशिवरात्रि का त्यौहार है

महाकाल के द्वार

लगा है भक्तो का जंघाट आज है

महाकाल के द्वार बाबा भोलेनाथ के दरबार

हो रही बम बम की जैकार है

महाशिवरात्रि का त्यौहार है

महाकाल के द्वार

लगा है भक्तो का जंघाट आज है

महाकाल के द्वार बाबा भोलेनाथ के दरबार

दूल्हा बनकर साजे है

सर पर पगड़ी साफा बांधें है

देखो अंग भभूति रमाये है

काल नाग गले लीपटाए है

सर पर चमचम चनदा भए है

रूद्र रूप बनाये है

महाकाल सरकार

महाकाल सरकार कालो के काल महाकाल

मेरे महाकाल सरकार

देखो कैसी लीला रचाये है

महाकाल संसार

महाशिवरात्रि का त्यौहार है

महाकाल के द्वार

लगा है भक्तो का जंघाट आज है

महाकाल के द्वार बाबा भोलेनाथ के दरबार

गूंजे शंख ध्वनि गरियाल बाजे

नारद लेकर विणा हाथ नाचे

बाजे डमरू और करताल बाजे

नंदी गण और भूत पिसाच नाचे

बाजे ढोल नगाड़े थाल बाजे

और ग्रह नाचे देदे ताल नाचे

बाजे झांझ मचिरे नाचे

महाकाल के दरबार

महाकाल के दरबार

तीनो लोक करे जय कार है

महाकाल तेरे द्वार

महाशिवरात्रि का त्यौहार है

महाकाल के द्वार

लगा है भक्तो का जंघाट आज है

महाकाल के द्वार बाबा भोलेनाथ के दरबार

महाकाल की नगरी उज्जैनी।

जहाँ साधु संत है दुनि रमाये अज़ाब निराले ठाठ

अलबेले संतो ने कैसा कैसा स्वाम

सर के बल पैर खड़ा है कोई

कोई लगा रहा है ध्यान

इस नहाने अच् मैं करे है कोई

घोट रहा है भाग

भोले की भक्ति में रमा हुआ है हर कोई इंसान

महाकाल के दीवानो की न पूछो

एक एक से कमाल

खुद गोष करे कोई बम बम बोले

जय जय श्री महाकाल

जय जय श्री महाकाल

शम्बू भोलेनाथ

कालो के काल महाकाल मेरे महाकाल सरकार

हो रही बम बम की जय कर महाकाल के द्वार

महाकाल संसार

महाशिवरात्रि का त्यौहार है

महाकाल के द्वार

भावार्थ -

यह भजन महाशिवरात्रि के त्यौहार और भगवान शिव की महिमा को व्यक्त करता है। इसमें भगवान शिव को महाकाल कहा गया है, जो कि उनके शक्तिशाली और सर्वोच्च रूप को दर्शाता है।

भजन में आगे कहा गया है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के दरबार में भक्तों का जंघाट लगता है, और भगवान शिव की पूजा और आराधना की जाती है। इसमें भगवान शिव के विभिन्न रूपों और उनकी शक्तियों का वर्णन किया गया है।

इस भजन के मुख्य भावार्थ हैं:

1. महाशिवरात्रि का त्यौहार: इसमें महाशिवरात्रि के त्यौहार की महिमा को व्यक्त किया गया है।
2. भगवान शिव की महिमा: इसमें भगवान शिव की महिमा और उनके शक्तिशाली रूप को दर्शाया गया है।
3. भक्ति और समर्पण: इसमें भगवान शिव के प्रति भक्ति और समर्पण की भावना को व्यक्त किया गया है।
4. आध्यात्मिक शांति: इसमें कहा गया है कि भगवान शिव की पूजा और आराधना से आध्यात्मिक शांति और सुकून प्राप्त होता है।

इस प्रकार, यह भजन महाशिवरात्रि के त्यौहार और भगवान शिव की महिमा को व्यक्त करता है, और भगवान शिव के प्रति भक्ति और समर्पण की भावना को दर्शाता है
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