भोले जी के दिल की धड़कन
भोले जी के दिल की धड़कन ले गई गौरा पार्वती....
गौरा जी ने हंसकर पूछा जटा में तेरे क्या है जी,
जटा में मेरे बह रही गंगा को नहा लो पार्वती,
भोले जी के दिल की धड़कन ले गई गौरा पार्वती....
गौरा जी ने हंसकर पूछा माथे पर तेरे क्या है जी,
माथे पर मेरे चंदा बिराजे दर्शन कर लो पार्वती,
भोले जी के दिल की धड़कन ले गई गौरा पार्वती....
गौरा जी ने हंसकर पूछा गले में तेरे क्या है जी,
गले में मेरे कंठी माला खूब पहन लो पार्वती,
भोले जी के दिल की धड़कन ले गई गौरा पार्वती....
गौरा जी ने हंसकर पूछा हाथों में तेरे क्या है जी,
हाथों में मेरे डमरू बस्ता खूब नाच लो पार्वती,
भोले जी के दिल की धड़कन ले गई गौरा पार्वती....
गौरा जी ने हंसकर पूछा गोद में तेरे क्या है जी,
गोद में मेरे गणपति लाला को खिला लो पार्वती,
भोले जी के दिल की धड़कन ले गई गौरा पार्वती....
गौरा जी ने हंसकर पूछा संग में तेरे क्या है जी,
संग में मेरे नंदी विराजे खूब घूम लो पार्वती,
भोले जी के दिल की धड़कन ले गई गौरा पार्वती....
गौरा जी ने हंसकर पूछा जटा में तेरे क्या है जी,
जटा में मेरे बह रही गंगा को नहा लो पार्वती,
भोले जी के दिल की धड़कन ले गई गौरा पार्वती....
गौरा जी ने हंसकर पूछा माथे पर तेरे क्या है जी,
माथे पर मेरे चंदा बिराजे दर्शन कर लो पार्वती,
भोले जी के दिल की धड़कन ले गई गौरा पार्वती....
गौरा जी ने हंसकर पूछा गले में तेरे क्या है जी,
गले में मेरे कंठी माला खूब पहन लो पार्वती,
भोले जी के दिल की धड़कन ले गई गौरा पार्वती....
गौरा जी ने हंसकर पूछा हाथों में तेरे क्या है जी,
हाथों में मेरे डमरू बस्ता खूब नाच लो पार्वती,
भोले जी के दिल की धड़कन ले गई गौरा पार्वती....
गौरा जी ने हंसकर पूछा गोद में तेरे क्या है जी,
गोद में मेरे गणपति लाला को खिला लो पार्वती,
भोले जी के दिल की धड़कन ले गई गौरा पार्वती....
गौरा जी ने हंसकर पूछा संग में तेरे क्या है जी,
संग में मेरे नंदी विराजे खूब घूम लो पार्वती,
भोले जी के दिल की धड़कन ले गई गौरा पार्वती....
भावार्थ-
यह एक भक्ति गीत है जो भगवान शिव और पार्वती के बीच के प्रेम और संवाद का वर्णन करता है। इसमें पार्वती भगवान शिव से उनके शरीर के विभिन्न अंगों में क्या है, इसके बारे में पूछती हैं और भगवान शिव उनको बताते हैं कि उनके जटा में गंगा बह रही है, उनके माथे पर चंदा विराजे हुए हैं, उनके गले में कंठी माला है, उनके हाथों में डमरू है, उनकी गोद में गणपति लाला हैं और उनके संग में नंदी विराजे हुए हैं।
गीत में आगे कहा गया है कि भगवान शिव के दिल की धड़कन पार्वती ने ले ली है, जो कि उनके प्रेम और स्नेह का प्रतीक है। इसमें भगवान शिव और पार्वती के बीच के प्रेम और संवाद का वर्णन किया गया है, जो कि हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पहलू है।
इस गीत के मुख्य भावार्थ हैं:
1. भगवान शिव और पार्वती का प्रेम: इसमें भगवान शिव और पार्वती के बीच के प्रेम और स्नेह का वर्णन किया गया है।
2. भगवान शिव की महिमा: इसमें भगवान शिव की महिमा और उनके शरीर के विभिन्न अंगों में विराजे हुए देवताओं का वर्णन किया गया है।
3. पार्वती की भक्ति: इसमें पार्वती की भगवान शिव के प्रति भक्ति और स्नेह का वर्णन किया गया है।
4. प्रेम और संवाद: इसमें भगवान शिव और पार्वती के बीच के प्रेम और संवाद का वर्णन किया गया है, जो कि हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पहलू है