सालासर में बजरंगी लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
सालासर में बजरंगी लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

रविवार, 15 दिसंबर 2024

म्हारो श्याम बसे खाटु माहि, सालासर में बजरंगी,Mharo shyam base khatu mahi






देखे अजब नज़ारे,
कण कण में यहाँ आन बसे है,
इस धरती पर देव हमारे,
अपनी अपनी शोभा सबकी,
अपनी अपनी महिमा है,
कुदरत ने कर दिया यहाँ पर,
देखो अजब करिश्मा है॥ )

म्हारो श्याम बसे खाटु माहि, सालासर में बजरंगी,
राणी सती राज करे जी झुंझणु के माहि,
म्हारो श्याम बसे खाटू माहि…..

(तर्ज : ओ हो रे ताल मिले नदी के जल में)

हे गौरी सूत देव गजानन, ‘देवारा सिरमौर है’-2
मरुधर में धाम बणायो, ‘प्यारो रणथंबोर है’-2 (ओ भक्तो रे)
गणपति ने पूजे दुनिया घर घर माहि….

ओ सावलींयो सेठ पियारो, ‘मण्डफिया विराजे है’-2
नाथद्वारा श्रीनाथ को, ‘मंदिर यो साजे है’-2 (लो देखो रे)
भक्ता रा काज सवारे संकटये माए….

परबत पे शाकम्बरी माँ, ‘गोरिया में जिण धाम’-2
दो जाटी बालाजी को, ‘प्यारो सो एक धाम’-2 (ओ भक्तो रे)
अंजनी माँ को लाल बिराजे मेहंदीपुर माहि….

रुणिचे रामदेवजी, ‘पीरा को पीर है’-2
पूनरासर में बजरंगी, ‘वीरा को वीर है’-2 (ओ सुण जो रे)
करणी माता दर्शन देवे बीकानेर माए….

गलता जी पूण्य तीरथ है, ‘पुष्कर में ब्रम्हा धाम’-2
प्यारी प्यारी राधा सागे, ‘जयपुर में राधेश्याम’-2 (ओ श्याम रे)
निशदिन रास रचावे बालू रेत माए….

धोरा री धरती माहि, ‘सतियो का राज है’-2
राणी सती ढांढण सती, ‘राखे माँ लाज है’ (ओ दादी जी)
खेमी सती धोलीं सती, राखे माँ लाज है,
हर्ष देवी देव बिराजे राजस्थान माए….

भावार्थ- 

यह भजन राजस्थान की धरती पर बसे हुए भगवान के विभिन्न रूपों और मंदिरों की महिमा को व्यक्त करता है। इसमें भगवान शिव, भगवान गणेश, भगवान राम, भगवान कृष्ण, और माता गौरी सहित कई अन्य देवी-देवताओं की पूजा और आराधना की भावना को व्यक्त किया गया है।

भजन में आगे कहा गया है कि राजस्थान की धरती पर भगवान के विभिन्न रूपों के मंदिर और तीर्थ स्थल हैं, जो कि भक्तों के लिए पूजा और आराधना के स्थल हैं। इसमें सलासर बालाजी, रणथंबोर, नाथद्वारा, मेहंदीपुर, और पुष्कर सहित कई अन्य मंदिरों और तीर्थ स्थलों का उल्लेख किया गया है।

इस भजन के मुख्य भावार्थ हैं:

1.राजस्थान की धरती की महिमा: इसमें राजस्थान की धरती की महिमा और भगवान के विभिन्न रूपों के मंदिरों और तीर्थ स्थलों की महिमा को व्यक्त किया गया है।

2. देवी-देवताओं की पूजा और आराधना: इसमें भगवान शिव, भगवान गणेश, भगवान राम, भगवान कृष्ण, और माता गौरी सहित कई अन्य देवी-देवताओं की पूजा और आराधना की भावना को व्यक्त किया गया है।

3. भक्ति और समर्पण: इसमें भगवान के प्रति भक्ति और समर्पण की भावना को व्यक्त किया गया है।

4. आध्यात्मिक शांति: इसमें कहा गया है कि भगवान के मंदिरों और तीर्थ स्थलों पर जाने से आध्यात्मिक शांति और सुकून प्राप्त होता है।

इस प्रकार, यह भजन राजस्थान की धरती पर बसे हुए भगवान के विभिन्न रूपों और मंदिरों की महिमा को व्यक्त करता है, और भगवान के प्रति भक्ति और समर्पण की भावना को दर्शाता है

-------------------









आ लौट के आजा हनुमान तुम्हे श्री राम बुलाते है|| Lakshmanke bacha le pran

इस गीत के मुख्य भावार्थ हैं: 1. भगवान हनुमान की महिमा: इसमें भगवान हनुमान की महिमा और उनकी भक्ति का वर्णन किया गया है। 2. भगवान हनुमान की भक...