गुरुवार, 19 दिसंबर 2024

तुम शरणाई आया ठाकुर|| Tum sharan aayaa thakur

"तुम शरणाई आया ठाकुर" भजन का भावार्थ बहुत ही सुंदर और गहरा है!


इस भजन में भगवान को शरणाई (आश्रय) के रूप में पूजा जाता है, जो कि व्यक्ति के जीवन में सभी चुनौतियों और कठिनाइयों से बचाने में मदद करता है। यह भजन भगवान की महिमा और उनके आश्रय को व्यक्त करता है।


इस भजन के मुख्य भावार्थ हैं:


1. भगवान का आश्रय: इस भजन में भगवान को आश्रय के रूप में पूजा जाता है, जो कि व्यक्ति के जीवन में सभी चुनौतियों और कठिनाइयों से बचाने में मदद करता है।
2. सुरक्षा और रक्षा: यह भजन भगवान की सुरक्षा और रक्षा को व्यक्त करता है, जो कि व्यक्ति के जीवन में सभी खतरों और चुनौतियों से बचाने में मदद करता है।
3. आत्म-समर्पण: इस भजन में आत्म-समर्पण की भावना को व्यक्त किया गया है, जो कि भगवान के चरणों में समर्पण को दर्शाता है।
4. भगवान की महिमा: यह भजन भगवान की महिमा और उनके आश्रय को व्यक्त करता है, जो कि व्यक्ति के जीवन में सभी चुनौतियों और कठिनाइयों से बचाने में मदद करता है।


इस प्रकार, "तुम शरणाई आया ठाकुर" भजन का भावार्थ बहुत ही सुंदर और गहरा है, जो कि भगवान के आश्रय और सुरक्षा को व्यक्त करता है





तुम शरणाई आया ठाकुर,तुम शरणाई आया,
उतर गयो मेरे मन का शंसा,
जब ते दर्शन पाया,
तुम शरणाई आया ठाकुर,
तुम शरणाई आया।।

अनबोलत मेरी बिरथा जानी,
अनबोलत मेरी बिरथा जानी,
अपना नाम जपाया, ठाकुर,
तुम शरणाई आया,
तुम शरणाई आया ठाकुर,
तुम शरणाई आया।।

दुःख नाटे सुख सहज समाए,
आनंद आनंद गुण गाया, ठाकुर,
तुम शरणाई आया,
तुम शरणाई आया ठाकुर,
तुम शरणाई आया।।

बाँह पकड़ कढ़ लीन्हे अपने,
गृह अंध कूप ते माया, ठाकुर,
तुम शरणाई आया,
तुम शरणाई आया ठाकुर,
तुम शरणाई आया।।

कहो नानक गुरु बंधन काटे,
कहो नानक गुरु बंधन काटे,
बिछुरत आन मिलाया, ठाकुर,
तुम शरणाई आया,
तुम शरणाई आया ठाकुर,
तुम शरणाई आया।
उतर गयो मेरे मन का शंसा,
जब ते दर्शन पाया,
तुम शरणाई आया ठाकुर,
तुम शरणाई आया........

कोई टिप्पणी नहीं:

आ लौट के आजा हनुमान तुम्हे श्री राम बुलाते है|| Lakshmanke bacha le pran

इस गीत के मुख्य भावार्थ हैं: 1. भगवान हनुमान की महिमा: इसमें भगवान हनुमान की महिमा और उनकी भक्ति का वर्णन किया गया है। 2. भगवान हनुमान की भक...