इस भजन के मुख्य भावार्थ हैं:
1. भगवान शिव की महिमा: इसमें भगवान शिव की महिमा और उनके नाम का महत्व बताया गया है।
2. भगवान शिव की कृपा: इसमें कहा गया है कि भगवान शिव हमारे काम में आ सकते हैं और हमें सुख और आराम प्रदान कर सकते हैं।
3. भगवान शिव के चरणों में मिलना: इसमें कहा गया है कि भगवान शिव के चरणों में मिलने से सारे तीरथ और चारो धाम की यात्रा का फल मिलता है।
4. भगवान शिव की भक्ति: इसमें कहा गया है कि भगवान शिव की भक्ति करने से हमें सुख और आराम मिलता है
सुबह सुबह ले शिव का नाम, शिव आयेंगे तेरे काम ॥
खुद को राख लपेटे फिरते, औरों को देते धन धाम ।
देवो के हित विष पी डाला, नील कंठ को कोटि प्रणाम ॥
सुबह सुबह ले शिव का नाम, शिव आयेंगे तेरे काम ॥
शिव के चरणों में मिलते सारी तीरथ चारो धाम ।
करनी का सुख तेरे हाथों, शिव के हाथों में परिणाम ॥
सुबह सुबह ले शिव का नाम, शिव आयेंगे तेरे काम ॥
शिव के रहते कैसी चिंता, साथ रहे प्रभु आठों याम ।
शिव को भजले सुख पायेगा, मन को आएगा आराम ॥
सुबह सुबह ले शिव का नाम, शिव आयेंगे तेरे काम ॥
भावार्थ-
यह एक भक्ति गीत है जो भगवान शिव की महिमा और उनके नाम का महत्व बताता है। इसमें कहा गया है कि सुबह सुबह भगवान शिव का नाम लेना एक शुभ काम है, और इससे भगवान शिव हमारे काम में आ सकते हैं।
गीत में आगे कहा गया है कि भगवान शिव ने अपने शरीर पर राख लपेट रखी है, लेकिन वे दूसरों को धन और धाम देते हैं। इसमें कहा गया है कि भगवान शिव ने देवताओं के हित के लिए विष पी लिया था, और उनके नीले कंठ को कोटि प्रणाम करते हैं।
गीत में आगे कहा गया है कि भगवान शिव के चरणों में मिलने से सारे तीरथ और चारो धाम की यात्रा का फल मिलता है। इसमें कहा गया है कि भगवान शिव के हाथों में परिणाम होता है, और हमारे करने का सुख हमारे हाथों में होता है।
गीत में आगे कहा गया है कि भगवान शिव के रहते हमें कोई चिंता नहीं होती है, और वे हमारे साथ आठों याम में रहते हैं। इसमें कहा गया है कि भगवान शिव को भजले से हमें सुख मिलता है, और हमारे मन को आराम मिलता है।
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