इस गीत के मुख्य भावार्थ हैं:
1. भगवान हनुमान की महिमा: इसमें भगवान हनुमान की महिमा और उनकी भक्ति का वर्णन किया गया है।
2. भगवान हनुमान की भक्ति: इसमें भगवान हनुमान की भक्ति और उनकी महिमा का वर्णन किया गया है।
3. भगवान राम की प्रार्थना: इसमें भगवान राम की प्रार्थना और भगवान हनुमान से अनुरोध का वर्णन किया गया है।
4. भगवान हनुमान की महिमा: इसमें भगवान हनुमान की महिमा और उनकी भक्ति का वर्णन किया गया है
आ लौट के आजा हनुमान तुम्हे श्री राम बुलाते है
लक्ष्मण के बचा ले तू प्राण
तुम्हे श्री राम बुलाते है
आ लौट के आजा हनुमान
तुम्हे श्री राम बुलाते है
लक्ष्मण के बचा ले तू प्राण
तुम्हे श्री राम बुलाते है
आ लौट के आजा हनुमान
तुम्हे श्री राम बुलाते है
यह एक भक्ति गीत है जो भगवान हनुमान की महिमा और उनकी भक्ति का वर्णन करता है। इसमें भगवान हनुमान से अनुरोध किया गया है कि वे लौटकर आएं और लक्ष्मण के प्राण बचाएं।
गए पवन सूत लाने संजीवन
अब तक क्यों नही आये
सेनापति सुग्रीव पुकारे
नर बानर घबराये
सब लोग भये सुनसान
तुम्हे श्री राम बुलाते है
आ लौट के आजा हनुमान
तुम्हे श्री राम बुलाते है
गए पवन सूत लाने संजीवन
अब तक क्यों नही आये
सेनापति सुग्रीव पुकारे
नर बानर घबराये
सब लोग भये सुनसान
तुम्हे श्री राम बुलाते है
आ लौट के आजा हनुमान
तुम्हे श्री राम बुलाते है
कभी तडपते कभी बिलखते
जीभर के प्रभु रोते
आये लखन तुम
अपनी माँ के हो इकलौते बेटे
यु रुदन करत है महान
तुम्हे श्री राम बुलाते है
आ लौट के आजा हनुमान
तुम्हे श्री राम बुलाते है
जीभर के प्रभु रोते
आये लखन तुम
अपनी माँ के हो इकलौते बेटे
यु रुदन करत है महान
तुम्हे श्री राम बुलाते है
आ लौट के आजा हनुमान
तुम्हे श्री राम बुलाते है
बीत गयी सब रैन
घडी रही ना एक पल भी बाकि
देख देख के राह तुम्हारी
बैरन अंखिया तांकि
कहि उदय ना हो जाये घात
तुम्हे श्री राम बुलाते है
आ लौट के आजा हनुमान
तुम्हे श्री राम बुलाते है
रात समय हनुमान संजीवन
ले सेना में आये झूमर लाली
धन्य बजरंगी लक्ष्मण प्राण बचाए
तब जाग उठे बलवान
तुम्हे श्री राम बुलाते है
आ लौट के आजा हनुमान
तुम्हे श्री राम बुलाते है
आ लौट के आजा हनुमान
तुम्हे श्री राम बुलाते है
लक्ष्मण के बचा ले तू प्राण
तुम्हे श्री राम बुलाते है
आ लौट के आजा हनुमान
तुम्हे श्री राम बुलाते है
घडी रही ना एक पल भी बाकि
देख देख के राह तुम्हारी
बैरन अंखिया तांकि
कहि उदय ना हो जाये घात
तुम्हे श्री राम बुलाते है
आ लौट के आजा हनुमान
तुम्हे श्री राम बुलाते है
रात समय हनुमान संजीवन
ले सेना में आये झूमर लाली
धन्य बजरंगी लक्ष्मण प्राण बचाए
तब जाग उठे बलवान
तुम्हे श्री राम बुलाते है
आ लौट के आजा हनुमान
तुम्हे श्री राम बुलाते है
आ लौट के आजा हनुमान
तुम्हे श्री राम बुलाते है
लक्ष्मण के बचा ले तू प्राण
तुम्हे श्री राम बुलाते है
आ लौट के आजा हनुमान
तुम्हे श्री राम बुलाते है
भावार्थ -
यह एक भक्ति गीत है जो भगवान हनुमान की महिमा और उनकी भक्ति का वर्णन करता है। इसमें भगवान हनुमान से अनुरोध किया गया है कि वे लौटकर आएं और लक्ष्मण के प्राण बचाएं।
गीत में आगे कहा गया है कि भगवान हनुमान गए थे पवन सूत लाने संजीवन, लेकिन अब तक वे नहीं आए हैं। इसमें भगवान हनुमान से अनुरोध किया गया है कि वे जल्दी लौटकर आएं और लक्ष्मण के प्राण बचाएं।
गीत में आगे कहा गया है कि भगवान राम लक्ष्मण के लिए रोते हैं और भगवान हनुमान से अनुरोध करते हैं कि वे लौटकर आएं और लक्ष्मण के प्राण बचाएं। इसमें भगवान हनुमान की भक्ति और उनकी महिमा का वर्णन किया गया है।
गीत में आगे कहा गया है कि भगवान हनुमान ने संजीवन लेकर लक्ष्मण के प्राण बचाए और भगवान राम की प्रार्थना पूरी हुई। इसमें भगवान हनुमान की महिमा और उनकी भक्ति का वर्णन किया गया है।
इस गीत के मुख्य भावार्थ हैं:
1. भगवान हनुमान की महिमा: इसमें भगवान हनुमान की महिमा और उनकी भक्ति का वर्णन किया गया है।
2. भगवान हनुमान की भक्ति: इसमें भगवान हनुमान की भक्ति और उनकी महिमा का वर्णन किया गया है।
3. भगवान राम की प्रार्थना: इसमें भगवान राम की प्रार्थना और भगवान हनुमान से अनुरोध का वर्णन किया गया है।
4. भगवान हनुमान की महिमा: इसमें भगवान हनुमान की महिमा और उनकी भक्ति का वर्णन किया गया है
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