इस भजन के मुख्य भावार्थ हैं:
1. भगवान हनुमान की महिमा: इसमें भगवान हनुमान की महिमा और उनकी भक्ति का वर्णन किया गया है।
2. भगवान हनुमान की वीरता: इसमें भगवान हनुमान की वीरता और उनकी भक्ति के कारण उन्हें सियाराम के दर्शन होने का वर्णन किया गया है।
3. भगवान हनुमान की मित्रता: इसमें भगवान हनुमान की मित्रता और उनकी भक्ति का वर्णन किया गया है।
4. भगवान हनुमान की भक्ति: इसमें भगवान हनुमान की भक्ति और उनकी वीरता का वर्णन किया गया है
भक्ति के रंग में रंगे, हनुमान नज़र आये
चीर दिया सीना... सियाराम नजर आए
भक्ति के रंग में रंगे, हनुमान नज़र आये
रावण के बोल तीखे, हनुमत को नही भाए
चीर दिया सीना... सियाराम नजर आए
भक्ति के रंग में रंगे, हनुमान नज़र आये
सुग्रीव के संग वन में, हनुमान जी मिले थे
यारी के फूल मन मे, यही से ही खिले थे
बने पक्के यार दोनों... दुनिया मे अमर पाए
चीर दिया सीना... सियाराम नजर आए
भक्ति के रंग में रंगे, हनुमान नज़र आये
रावण के वश से सींता,हनुमान छुड़ा लाये
लक्ष्मण को लगी शक्ति.श्री राम जी घबराए
वो पहाड़ उठा लाये भक्त वीर कहलाये
चीर दिया सीना... सियाराम नजर आए
भक्ति के रंग में रंगे, हनुमान नज़र आये
चीर दिया सीना... सियाराम नजर आए
भक्ति के रंग में रंगे, हनुमान नज़र आये
रावण के बोल तीखे, हनुमत को नही भाए
चीर दिया सीना... सियाराम नजर आए
भक्ति के रंग में रंगे, हनुमान नज़र आये
सुग्रीव के संग वन में, हनुमान जी मिले थे
यारी के फूल मन मे, यही से ही खिले थे
बने पक्के यार दोनों... दुनिया मे अमर पाए
चीर दिया सीना... सियाराम नजर आए
भक्ति के रंग में रंगे, हनुमान नज़र आये
रावण के वश से सींता,हनुमान छुड़ा लाये
लक्ष्मण को लगी शक्ति.श्री राम जी घबराए
वो पहाड़ उठा लाये भक्त वीर कहलाये
चीर दिया सीना... सियाराम नजर आए
भक्ति के रंग में रंगे, हनुमान नज़र आये
भावार्थ
यह एक भक्ति गीत है जो भगवान हनुमान की महिमा और उनकी भक्ति का वर्णन करता है। इसमें भगवान हनुमान की वीरता और उनकी भक्ति के कारण उन्हें सियाराम के दर्शन होने का वर्णन किया गया है।
गीत में आगे कहा गया है कि भगवान हनुमान ने रावण के बोलों को नहीं सहा और अपना सीना चीर दिया, जिससे सियाराम उनके सामने प्रकट हुए। इसमें भगवान हनुमान की वीरता और उनकी भक्ति का वर्णन किया गया है।
गीत में आगे कहा गया है कि भगवान हनुमान ने सुग्रीव के साथ वन में मिलकर यारी के फूल खिलाए और दोनों पक्के यार बन गए। इसमें भगवान हनुमान की मित्रता और उनकी भक्ति का वर्णन किया गया है।
गीत में आगे कहा गया है कि भगवान हनुमान ने रावण के वश से सीता को छुड़ा लाया और लक्ष्मण को शक्ति लगी, जिससे भगवान राम घबरा गए और भगवान हनुमान ने पहाड़ उठा लाया। इसमें भगवान हनुमान की वीरता और उनकी भक्ति का वर्णन किया गया है।
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